परिचय
महिलाओं के शरीर में हर महीने और जीवन के अलग-अलग चरणों में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो उनकी नींद और शरीर की घड़ी यानी सर्कैडियन रिद्म को प्रभावित करते हैं। 30 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में यह बदलाव अधिक महसूस होते हैं। इन बदलावों का संबंध तनाव, खानपान, नींद की कमी, प्रेगनेंसी, पीरियड्स और मेनोपॉज़ से होता है।
हार्मोन और नींद का संबंध
नींद और हार्मोन के बीच गहरा जुड़ाव होता है। जैसे ही शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, नींद पर भी असर पड़ता है। वहीं अगर नींद पूरी न हो तो हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। यह एक चक्र की तरह काम करता है जिसमें दोनों का प्रभाव एक-दूसरे पर पड़ता है।
नींद को प्रभावित करने वाले प्रमुख हार्मोन
- मेलाटोनिन
- प्रोजेस्टरोन
- एस्ट्रोजन
- टेस्टोस्टेरोन
- कोर्टिसोल
ये सभी हार्मोन शरीर के बेहतर संचालन में मदद करते हैं और नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
महिलाओं में जोखिम अधिक क्यों होता है?
महिलाएं अपने जीवन में कई बार हार्मोनल बदलाव से गुजरती हैं – जैसे पीरियड्स, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज़। इस कारण उनकी नींद ज्यादा प्रभावित होती है। महामारी के समय में भी यह देखा गया कि महिलाएं थकान महसूस करती थीं, लेकिन उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो गई थीं।
मेनोपॉज़ के बाद OSA का खतरा
मेनोपॉज़ के समय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरोन की कमी होती है, जिससे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) का खतरा बढ़ जाता है। यह नींद के दौरान सांस रुकने की समस्या होती है। इससे मूड, याददाश्त और मानसिक सेहत पर असर पड़ सकता है। यह हृदय रोग, डायबिटीज और हाई बीपी का कारण भी बन सकता है।
पीसीओएस और प्रेगनेंसी में नींद की दिक्कतें
पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं में भी OSA का खतरा अधिक पाया गया है। वहीं प्रेगनेंसी में भी यदि महिला OSA से ग्रस्त हो, तो उसे ब्लड प्रेशर जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।
गलत जीवनशैली की वजह से नींद पर असर
- सोने और जागने का गलत समय
- गहरी नींद की कमी
- ज़्यादा मोबाइल या टीवी देखना
- गलत खानपान
- धूप में न निकलना
- ज्यादा शराब और धूम्रपान
धूप में निकलने से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन बनता है, जो मूड को अच्छा करता है और मेलाटोनिन के बनने में मदद करता है। मेलाटोनिन अच्छी नींद के लिए जरूरी होता है।
अच्छी नींद के लिए 7 आसान उपाय
- सोने का एक तय समय बनाएं
- पौष्टिक आहार लें
- रोज़ाना हल्का व्यायाम करें
- सुबह की धूप में समय बिताएं
- सोने से पहले स्क्रीन देखना बंद करें
- ध्यान या शांत संगीत सुनें
- अच्छे रिश्तों को बनाए रखें
निष्कर्ष
अगर आप स्वस्थ रहना चाहती हैं, तो नींद और हार्मोन दोनों का ध्यान रखना ज़रूरी है। महिलाएं अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे सुधार लाकर इस समस्या से बच सकती हैं। संतुलित जीवनशैली अपनाकर नींद को बेहतर बनाना संभव है।
महत्वपूर्ण नोट:
हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें। और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। धन्यवाद।